कुछ अधूरा सा जो छूट गया वो पूरा तो नही था , जो रह गया काफी वो भी नही है कुछ सीला सा कुछ गीला सा, कुछ किरचों और टुकड़ो में जितना है सम्हाल रखा है बंद पलकों में अटके आंसू सा गुजर कर भी थमा हुआ, ना होकर भी तो यहीं है गुम गया जो ,वो हिस्सा था जो बाकी रह गई, वो कमी है #pieces #night #poetry #unforgettable #kavita #kami