शुक्र है रावण आज के युग में पैदा नहीं हुआ, वर्ना रात को 3 बजे कोर्ट खुलवाए जाते, सजता पूरा दरबार, सोने चांदी में बिके हुए कोटधारी, रावण का करते मंत्रोच्चार, साक्ष्यों के अभाव में रावण, या तो बरी कर दिया जाता, अनेकों बलात्कार उपरांत भी वो, उम्र क़ैद की सज़ा पाता, तारीख़ पे तारीख़ पड़ती, और सीता यूं ही कोर्ट में, मारी मारी फिरती, और रावण की जगह मीडिया ट्रायल, सीता का होता, कहां छुआ, कैसे छुआ रावण ने तुमको, रिपोर्टर यही सवाल बारम्बार करता, कैसा लगा था तुमको जब, रावण ने छुआ था, अरी निर्लज्ज तूने लक्ष्मण रेखा पार क्यूं किया था, यही सवाल बार बार सीता का हृदय भेद देते, और कोर्ट में खड़े लोग, रावण को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर देते Abhishekism 💕 शुक्र है रावण आज के युग में पैदा नहीं हुआ, वर्ना रात को 3 बजे कोर्ट खुलवाए जाते, सजता पूरा दरबार, सोने चांदी में बिके हुए कोटधारी, रावण का करते मंत्रोच्चार, साक्ष्यों के अभाव में रावण, या तो बरी कर दिया जाता, अनेकों बलात्कार उपरांत भी वो,