जल रही है जो धरा, कहीं तो आग होगी, नफरत की जो ये नस्ल है, कभी तो राख होगी, क्यों इंसानियत शर्मसार है, क्यों मानवता बेक़रार है, छाई है जो अमन पे गर्दिशे, अब और किसका इंतज़ार है, अब तो आवाज उठाओ यारों, शांति अमन फिर से लाओ यारों, गले लगालो फिरसे अपनों को, इंसानियत को न मारो यारों #Dj_peace