गिरतीं हैं बनके बिजली, हैं कहर तेरी आँखें पी जाऊँगा मैं इनको, जो हैं ज़हर तेरी आँखें ढातीं हैं जुलुम तो क्या ओ दिलवर तेरी आँखें ज़मानत कौन चाहेगा जो हों जेलर तेरी आँखें ©Rudra magdhey Abhijeet for someone special #Eyes