एक बेवफा को भूलने वाला कोई मुजरिम तो नहीं है, मुहब्बत सिर्फ एक दफा हो ये लाज़िम तो नहीं है.... महज एक ख्वाब टूट जाने से जिंदगी तबाह क्यूं करे कोई, दोबारा ख्वाब न सजाए ये लाज़िम तो नहीं है.... महबूब के हाथ में है दोबारा मिलना ना मिलना, सिर्फ उसे ही पुकारा जाए ये लाज़िम तो नहीं है.... बात सुकून की है खुशी की नहीं, एक ही शख्स पर सबकुछ वारा जाए ये लाज़िम तो नहीं है.... #वफा #मुहब्बत #दोबारा #लाज़िम #मुजरिम #शायर_ए_बदनाम