पहले जलाते हो फिर बुझाते हो, इस तरह क्यूं शम्मा को आजमाते हो, रात आई है तो गुजर भी जाएगी, बेवजह क्यूं मेहताब को सताते हो..... #जलाते #बुझाते #आजमाते #सताते #शम्मा #मेहताब #रात