मैं अपने दायरे में अपनी बात रखता हूँ पर ख़याल मेरे सरहदें पार कर जाते हैं सोच भी नहीं सकता जो खयालों में मैं नमूदार हो जाते हैं लाचार कर जाते हैं नमूदार : प्रकट नमूदार