Nojoto: Largest Storytelling Platform

गजले शाम कहो या सुबह की रूबानी हर रंग में जानम त

गजले शाम कहो या 
सुबह की रूबानी
हर रंग में जानम 
तुम तो बस रूहानी।।
            रा.जि.कुमार 
           सासाराम।

©Rajiv Jiya Kumar #दिल की बात।  शायरी हिंदी में।
गजले शाम कहो या 
सुबह की रूबानी
हर रंग में जानम 
तुम तो बस रूहानी।।
            रा.जि.कुमार 
           सासाराम।

©Rajiv Jiya Kumar #दिल की बात।  शायरी हिंदी में।