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स्वाभिमान ही वो धाम, जिसका कोई नहीं लगे सके दाम, य

स्वाभिमान ही वो धाम,
जिसका कोई नहीं लगे सके दाम,
ये मेरा अभिमान नहीं, जिसके मोल भाव,
का अधिकार तेरे पास, ये कोई नाव नहीं,
जिसे बहा ले जाए तेरा अभिशाप, 
ये तो हर उस पत्थर पर लिखा एक सत्य, हे राम!
जिसपे चलने का साहस दिया उसने जो है विराजमान,
कैलाश पर्वत पर, अधिकांश करें जिसका जाप,
मैं मैं नहीं, सरस्वती की धुन का हूं आकार,
इस शरीर का त्याग करने को तैयार,
मेरी वाणी एक गगनचुंबी फूंकार,
मैं वो हूं जिसे कोई बेच या खरीद ना पाया,
सात सुरों का सर्ताज, सात चक्रों का ध्यान,
मेरा नाम ही स्वर्वस्वता की परिभाषा,
ये नाम है मा का आशीर्वाद, 
आज पूर्ण हुआ सात सौ कविताओं का भंडार,
सफलता का राज़ का एक ही जवाब,
खुद की पहचान को पहचान,
कठिनाइयों के समक्ष खड़ा हो और सीना तान,
स्वाभिमान का न होने दे अपमान

©Akhil Kael #riseofphoenix #stormofphoenix #vijay #svabhiman 

#Drops
स्वाभिमान ही वो धाम,
जिसका कोई नहीं लगे सके दाम,
ये मेरा अभिमान नहीं, जिसके मोल भाव,
का अधिकार तेरे पास, ये कोई नाव नहीं,
जिसे बहा ले जाए तेरा अभिशाप, 
ये तो हर उस पत्थर पर लिखा एक सत्य, हे राम!
जिसपे चलने का साहस दिया उसने जो है विराजमान,
कैलाश पर्वत पर, अधिकांश करें जिसका जाप,
मैं मैं नहीं, सरस्वती की धुन का हूं आकार,
इस शरीर का त्याग करने को तैयार,
मेरी वाणी एक गगनचुंबी फूंकार,
मैं वो हूं जिसे कोई बेच या खरीद ना पाया,
सात सुरों का सर्ताज, सात चक्रों का ध्यान,
मेरा नाम ही स्वर्वस्वता की परिभाषा,
ये नाम है मा का आशीर्वाद, 
आज पूर्ण हुआ सात सौ कविताओं का भंडार,
सफलता का राज़ का एक ही जवाब,
खुद की पहचान को पहचान,
कठिनाइयों के समक्ष खड़ा हो और सीना तान,
स्वाभिमान का न होने दे अपमान

©Akhil Kael #riseofphoenix #stormofphoenix #vijay #svabhiman 

#Drops
akhilkael0764

Akhil Kael

Silver Star
Super Creator