माँ आपरी प्रीत ही म्हारो जीवन हे करणी नाम मन सु विसरे तो मर जाऊ हूँ हर दिन गम रा सो सागर में डुबु करणी नाम लेऊ तो मैं तर जाऊ हूँ जरूरत रो पुतलो हूँ में आप खने रोजाना शिकायत लाऊ हूँ आप करो माँ हर इछा पूरी फ़िर सु वही चक्कर दोहराऊ हूँ (हिम्मत सिंह )