तुम्हारी याद में कितना तड़पे है क्या बताए। हर मोड़ पर गिर कर संभले है क्या बताए। मेरी मौत के मातम में जिक्र बस तेरा रहा। तुम्हे छोड़कर हर कोई शामिल था और क्या बताए।। नितिन मुरादाबादी।