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हवाऐ ***-*-*-*- दरम्याँ जमीं आशमां जो नज़ारे है ,

हवाऐ
***-*-*-*-

दरम्याँ जमीं आशमां जो नज़ारे है ,
वो न तुम्हारे हैं न हमारे हैं !

जिसे न देख पाई दुनिया अबतक,
इसमें खुद़ा के ही इशारे हैं !!

सारी मख़लुकात है जिनकी मुन्तज़िर ,
जब से इस दुनिया मे पधारे हैं !

तुम बेंचने लगे पानी भी तो क्या हुआ ?.
कुछ आश तो जीने की इसके ही सहारे हैं !!

मोहताज़ हो तुम भी चंद पल के नादान ,
दो पल भी न बग़ैर इसके गँवारे  हैं !

हकीकत से रूबरू हो ले  "अनवर" 
खुद़ा करता तुझे  इशारे है !!

दऱम्यािँ जमीं आशमां जो नज़ारे है ,
वे न तुम्हारे है न हमारे हैं !

अनवर हुसैन "अणु " भागलपुरी #हवाऐ Kanhaiya Saini  MR NAVROJ TEJANI vkcareerguru Yash Ritu Gupta Author Shakti Tiwari
हवाऐ
***-*-*-*-

दरम्याँ जमीं आशमां जो नज़ारे है ,
वो न तुम्हारे हैं न हमारे हैं !

जिसे न देख पाई दुनिया अबतक,
इसमें खुद़ा के ही इशारे हैं !!

सारी मख़लुकात है जिनकी मुन्तज़िर ,
जब से इस दुनिया मे पधारे हैं !

तुम बेंचने लगे पानी भी तो क्या हुआ ?.
कुछ आश तो जीने की इसके ही सहारे हैं !!

मोहताज़ हो तुम भी चंद पल के नादान ,
दो पल भी न बग़ैर इसके गँवारे  हैं !

हकीकत से रूबरू हो ले  "अनवर" 
खुद़ा करता तुझे  इशारे है !!

दऱम्यािँ जमीं आशमां जो नज़ारे है ,
वे न तुम्हारे है न हमारे हैं !

अनवर हुसैन "अणु " भागलपुरी #हवाऐ Kanhaiya Saini  MR NAVROJ TEJANI vkcareerguru Yash Ritu Gupta Author Shakti Tiwari