#OpenPoetry एक चाहत थी तुझे कभी ना भुलाने की, अब तो वो भी आधुरी रह गयी। कहा था पुकारा करेंगे तुम्हे रात-दिन, वो बात भी बात ही रह गयी। थोड़ी कमी रह जाती है आज कल शायरी मे हमारी, लागता है अब तो तेरी यादे भी धुंधली रह गयी। #OpenPoetry #थोड़ी_कमी #पुकाराकरेंगे #एकचाहत #धुंधली