वो पहली रात तेरा साथ भीनी बरसात दोनों के जज्बात उमडे़ हसीन खयालात बिजली की कड़कडा़हट तेरे दिल की घबराहट तेरा मुझमें यूं सिमटना आंखों से आंखें पढ़ना पल्लू को लपेटना फिर कामुकता भरा रक्श वो नैनों के नक्श मुझ पर तेरा अक्श मुझको दे बख्श मुझको ये जवानी अता कर फिर से वो खता कर आंचल को सिमटा मुझे टाईम न बता अब इतना न सता ये हाथ तो हटा बस कुछ देर की है बात बांहो में ले मेरा हाथ न बना कोई बात ठंडी न कर ये आग हो जाऊंगा खुद में खाक मेरा दिल है बिल्कुल पाक पढा़ है तेरा फसाना क्या डर है बता ना बातों के लाॅलीपाॅप चटा न मेरे दिल का गुब्बारा फटा न तो आफत आ जायेगी खुद को न संभाल पायेगी ले जाता हूं कैसे बुलायेगी ले जाता हूं कैसे बुलायेगी