हमारे झगड़े को भुला हमारी सुलह का विचार कर ले, दो युगों का अंत कर युग संधि का खाका तैयार कर ले..!! काल गणना की बुद्धि विमर्श वाली युक्ति का आधार धर ले सतयुग, त्रेता, द्वापर कलयुग, हर युग में प्यार कर ले..!! युग हो कोई या कोई काल हो तू ही मेरा साया तू ही ढाल हो..! एक अलग नज़्म आप सब की खिदमत में..! #kumaarsthought #kumaarpoem #कलयुग #सतयुग #त्रेता #द्वापर #प्यार #विचार