...रक्षाबंधन विशेष ... एक सत्य औऱ एक परम है, यह स्वीकार्य हमारा है । मत बहे तेरी आंखों से आँसू, यह कर्तव्य हमारा है । बहना तू सर्वस्व जगत की , रक्षा कर बांधो डोरी । डोर बोल तुम प्यार बांध दो , यह सौभाग्य हमारा है । इस रक्षा के अवसर पर , हर अनुदान तुम्हारा है। माग सको गर मांगो कुछ भी, अब यह भ्रात तुम्हारा है । बहन तेरा आशीष रहूँ मैं , अंतिम सौभाग्य हमारा है । एक सत्य औऱ एक परम है , यह स्वीकार्य हमारा है।