इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं, ठंड में ठिठुरती हैं झोपड़ियाँ, तंग दिल यहाँ इमारते हैं यहाँ के शोर ओ शराब में रूह से चीखते सन्नाटे हैं। भीड़ में भी अकेलापन हैं यहाँ, अपने भी पराये हैं, जम गया हैं खून रिश्तों का, मतलब की सारी हवाएं हैं। गम अपना छिपाकर जीते हैं लोग यहाँ, चेहरे पे मुस्कुराहट और दिल में छाले हैं#nojoto ©Madhubala Jain Rathod #poetryunplugged #Poetry #Trending #Nojoto #citylife #Madhujain #JavedAkhtarLines