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White तिरी याद का वो ही मौसम सुहाना, मेरे दिल के

White तिरी  याद का वो ही मौसम सुहाना,
मेरे दिल के दर्रों में आने लगा है।
वो  बिछड़ा हुआ एक गुजरा जमाना,
मुझे खुद से मिलने बुलाने लगा है।

मैं  हूं फर्द जीवन के इस रास्ते पर 
बहुत देर थक के भी चलता रहा हूं 
ना जाने कहां है वो मंजिल हमारी 
जहां तक हमें साथ चलना था यारा।

मुझे छोड़ने में क्या सुख तुमने पाया 
तुझे रोशनी में दगा देता  साया 
चले आओ फिर से चलें साथ मिलके।
हां तुम इस दफा बस जफा भूल जाना।
मुझे याद रखना मुझे तुम सताना।
मुझे ले के बाहों में करना नमाज़ें 
मेरे साथ सजदे में सर को झुकाना।

©निर्भय चौहान #Sad_Status  शेरो शायरी दोस्ती शायरी शायरी हिंदी में शायरी दर्द शायरी attitude नीर  Kumar Shaurya  vandan sharma  वरुण तिवारी  कवि आलोक मिश्र "दीपक"
White तिरी  याद का वो ही मौसम सुहाना,
मेरे दिल के दर्रों में आने लगा है।
वो  बिछड़ा हुआ एक गुजरा जमाना,
मुझे खुद से मिलने बुलाने लगा है।

मैं  हूं फर्द जीवन के इस रास्ते पर 
बहुत देर थक के भी चलता रहा हूं 
ना जाने कहां है वो मंजिल हमारी 
जहां तक हमें साथ चलना था यारा।

मुझे छोड़ने में क्या सुख तुमने पाया 
तुझे रोशनी में दगा देता  साया 
चले आओ फिर से चलें साथ मिलके।
हां तुम इस दफा बस जफा भूल जाना।
मुझे याद रखना मुझे तुम सताना।
मुझे ले के बाहों में करना नमाज़ें 
मेरे साथ सजदे में सर को झुकाना।

©निर्भय चौहान #Sad_Status  शेरो शायरी दोस्ती शायरी शायरी हिंदी में शायरी दर्द शायरी attitude नीर  Kumar Shaurya  vandan sharma  वरुण तिवारी  कवि आलोक मिश्र "दीपक"