मेरी कुछ अनकही बाते .... हर किसीको अपना बना के देखा लुटाके खुदको हर रिश्ता संभाल के देखा वैसे तो सोया नही में पूरी रात, लेकिन हर ख़्वाब को टूटते देखा हर शख्स को बदलते देखा औरों के लिए खुद का मान सम्मान खोते देखा, वैसे हजारों ज़ख्म है जिस्म पर, लेकिन अपनो को ही नमक मलते देखा हर रिश्ते को टूटते देखा, बदलते हालात, बदलता नसीब देखा वैसे तो बातें करते थे जन्मों– जन्मों की, लेकिन जाते समय आखरी बार भी पलटकर नही देखा और क्या बताऊं तुम्हे, मैंने क्या क्या देखा.... ©Hemant Navgiri #Irreversiblepain