रक्त रंजित मंज़र देख कलेजा मुंह को आता है ... कलम में स्याही नहीं लहू नजर आता है ... निशब्द हूँ , स्तब्ध हूँ , व्यथित हूँ मैं अर्पित करूँ कैसे स्वरांजलि हाथ भी मेरा कांपता है ... हमारी रक्षा की खातिर सैनिक शहीद हो जाता है ... इस पर भी होती सियासत ये सोच कर दिल घबराता है ... स्तब्ध हैं, निशब्द हैं। #सोचके #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #श्रद्धांजलि