कुछ हसीन यादें, कुछ जुदाई-सा गम, चंद अधूरे अल्फ़ाज़, कुछ मुकम्मल किस्से, फरेबों के कुछ पर्दे, कुछ ज़ाहिर से राज़, थोड़ी सी शरम, और दामन पर एक दाग, मुट्ठी भर राख, ख़ाक में दफन कुछ ख़्वाब, अनकही सी इजाजत, कुछ अर्ज़ी कुछ इबादत, शाम की बची कुछ रोशनी, दो रंगी हुई हथेली, कुछ ज़ाया सुर्ख रंग, फ़िज़ा में मिलती खुशबू, कुछ आज़ाद होती रूहें, कुछ बेजान पड़े ज़िस्म, ढलता हुआ सूरज, कुछ भटके हुए टोही, दो आधे चाँद, एक पूरा आसमान, कुछ दूरी से बात, फिर सदियों सी एक रात, कोई नादान सी मोहब्बत, कोई परवान चढ़ता इश्क़। अंधेरे से इश्क़ है मुझे क्योंकि उजाले की दुनिया में ख़र्चा बहुत है ... #dailywrites #magicrealism #adhuraishq