ये हालात चिल्लाते रहते है ख़ुदकुशी के लिए रोज़ खुदको मनाना पड़ता है जिंदगी के लिए सब घेर कर मुझ से पूछते है बस सवाल यही कितनी बार मरना पड़ेगा एक जिंदगी के लिए हर कोई अब मुझसे आगे है सभी है कामयाब बस हम कर रहे गुहार अगली जिंदगी के लिए दिल कहता है दिल क़ी सुन ले और खत्म करे दिमाग़ कहता है रुक सब्र रख जिंदगी के लिए देखे आगे क्या होता है कौन विजयश्री होता है अभी जिंदगी कुर्बान हो रही है जिंदगी के लिए #book_consideration