आईना टूटा कि दिल कांच कांच हो गया बिखरे नहीं मगर श्वास-प्रश्वास उखड़ा उखड़ा उदास हो गया आंखों की नमी में रेत रेत भीग गया बरती थी सावधानियां कोताहियों के नाम कर गया निकले थे जिस गली से वहीं रुसवाई पा गये कोई अपना नहीं रहा समझ न पाया कि जमाना कब का हमें छोड़ गया जमाना #आईना #hindi_poetry #philosophy #lifeisbeautiful #dream #eventplanner #inspiration #beautifuldestinations #poetrycommunity #nature #goldenretriever #streetstyle #positivethinking #love #motivation