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राहत ऐ सुकूँन ढूँढता हूँ मैं फ़िर वही जन्नत ऐ फिरद

राहत ऐ सुकूँन ढूँढता हूँ मैं फ़िर वही
जन्नत ऐ फिरदौस ढूँडता हूँ मैं

केहेते हैं ढूँढने से तो खुदा भी मिल जाते हैं
मैं तो बस दो वक़्त सुकून के ढूँढता हूँ मैं

written by :

©shreevallabh b vyas #Valley
राहत ऐ सुकूँन ढूँढता हूँ मैं फ़िर वही
जन्नत ऐ फिरदौस ढूँडता हूँ मैं

केहेते हैं ढूँढने से तो खुदा भी मिल जाते हैं
मैं तो बस दो वक़्त सुकून के ढूँढता हूँ मैं

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©shreevallabh b vyas #Valley
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