ए फूलों तुम यूं न खिलो ये दिल पहले किसी के खिलने की याद में बहुत रोया है । ए पंखुड़ी तेरा ये सुनहरा रंग न दिखा हमे, इसी रंग के पहले से दिए गए जख्मों को हमने बड़ी मुश्किल से धोया हैं। लेखक=हसन खान sad spring season