निराशापूर्ण भावना बना लेने वाला व्यक्ति जीवन भर रोने, झींकने, चिढ़ाने और कुढ़ाने के अतिरिक्त और कर ही क्या सकता है? दूसरे को हँसते, खेलते, खाते-पीते, बोलते, बात करते और प्रसन्न रहते देख कर ईर्ष्या करता और मन ही मन जलता रहता है। जलता