पीते थे साथ नुक्कड़ पर चाय चुस्कियां लेकर, दुकानें तो वहीं हैं मेरा हमदम कहां गया। गुल गुलज़ार होते महल लेती थी कलियां तुझसे, बाग तो वहीं हैं मेरा चंदन कहां गया । ~आशु ©AshuAkela #lovebirds आशु अकेला शायरी