छुपी हुई कुछ अधूरी ज़िंदगी की बातें कुछ प्यार के नग़मे कुछ नफ़रत की रातें इन इमारतों को देखो तो सुनाए ये किस्से एक दास्ताँ छुपी हैं इनके हर एक हिस्से में मत ओढ़ाओं तुम इनको ख़ामोशियों की चादर हिफाज़त करो तुम इनकी यह हैं देश की धरोहर बोलती हैं खामोशी से सभी देश के मान की कहानी बसाने में इनको बीती ना जाने कितनी ज़िन्दगानी •☆• जीएटीसी कोलाॅबज़-२ •☆• 《हिंदी चैलेंज ९》 नियमावली: १. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में लिख सकते हैं। २. आप चाहें तो कितनी भी लंबी रचना लिख सकते हैं, अनुशीर्षक में भी लिख सकते हैं।