#kargil_vijay_diwas गीता ४।६){Bolo Ji Radhey Radhey}
'अपनी प्रकृतिको अधीन करके अपनी
योगमायासे प्रकट होता हूँ।'
प्रभु का शरीर अनामय है, अर्थात् सारे
रोग और विकारों से रहित दिव्य है।
हमारा जन्म सुख-दु:ख भोगने के लिये
हुआ करता है; परन्तु प्रभु साधुओं की #मोटिवेशनल