ज़मीं से फ़लक तक, जैसा हूँ ना कुबूल कर पाना किसी के अहंकार की हद है सिखा दे नफरत का एक कतरा जो भी ऐसे संस्कार की हद है! जिधर जाऊँ तुझे पाऊँ जिधर देखूँ तुझे देखूँ जमीं से फ़लक तक तेरा दीदार ये मेरे प्यार की हद है!! ©बृजेन्द्र 'बावरा' #zameen #CTL #NojotoHindi #PyarKiHad #Shayari Halima Usmani Neelima Chaudhary आshiक आwaरा @n upadhyay बेनाम शायर