White सही कहा है गीता में.... भूखा मन है, भागता मन है, ऊंचा मन है, नीचा मन है, व्याभिचारी मन है, कुकर्मी मन है, अत्याचारी मन है, लालची मन है, इतिहास को रौंदता मन है, भविष्य को उजाड़ता मन है, सृष्टि को मिटाता वो मन है,,, जिसे संतोष नहीं मिल रहा।।।। आत्मा तो बदल ही लेगी ये शरीर... कभी कुत्ता बन कर, कभी कीड़ा बन कर..... पर, मन मिट्टी के साथ मिट जाएगा।।।।।। असंतोष से भूंखा, अतृप्त🥹एक चीज़ हरि ॐ २४.०५.२०२४ ©Ram Yadav #Sad_shayri #अध्यात्म #गीता #भारत