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नादानियां मोहब्बत की जान ले लेती है हम जैसे अच्छे

नादानियां मोहब्बत की
 जान ले लेती है हम जैसे अच्छे किरदारों की ,,

नादान था मैं उसके साए में खुद को छुपाना चाहता था
उसकी हर खामियों को मिटाना चाहता था
उसे खुद के उजालों में करके 
बनना उसकी परछाई चाहता था
अपनी खुशियां उसके नाम कर
उसके हिस्से के हर दर्द को पीना चाहता था
उसके आंखों के आंसू
 खुद के आंख से निकालना चाहता था 
पर ये वक्त को कन्हा मंजूर था
वो वक्त भी every thing is end
के साथ आया
फिर क्या कबीर सिंह तो बनना ही था
अंधेरों में क्या उजालों में भी
 खुद के साए से डरने लगे हम ...
और आज भी खुद के साए से डरते हैं हम !!

©Vivek
  #किस्से अतीत के #लफ्ज़ ए दिल ##
vivek8029184361369

Vivek

New Creator

किस्से अतीत के लफ्ज़ ए दिल ##

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