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आसमान की बुलंदी को छूना चाहता हूं, मैं पंछियों की

आसमान की बुलंदी को छूना चाहता हूं, मैं पंछियों की भांति ही आसमान में उड़ना चाहता हूं, ये मेरी ख्वाहिशे , ये ख्वाब मेरा है, मैं सूर्य की भांति ही चारों दिशाओं में चमकना चाहता हूं, अजी मैं जानता हूं की यह मेरा महज कल्पना मात्र है, मगर फिर भी मैं इसे सच करना चाहता हूं । #poem #sapno_Ka_sansar#sunrays
आसमान की बुलंदी को छूना चाहता हूं, मैं पंछियों की भांति ही आसमान में उड़ना चाहता हूं, ये मेरी ख्वाहिशे , ये ख्वाब मेरा है, मैं सूर्य की भांति ही चारों दिशाओं में चमकना चाहता हूं, अजी मैं जानता हूं की यह मेरा महज कल्पना मात्र है, मगर फिर भी मैं इसे सच करना चाहता हूं । #poem #sapno_Ka_sansar#sunrays