*सब कुछ अच्छा है...* कुछ भी अच्छा नही... कश्मकश है, हताशा है, दहशत है क्या होगा, कब तक यूँ ही चलेगा. एक ठहराव सा आ गया है.. एक दम रुके हुए पानी सा... कितनी हसीन थी दुनिया होली तक... रंगीनी थी, हलचल थी, मेल मिलाप था रौनक थी, ख़ुशियाँ थी,हंसी ख़ुशी का माहौल था बिना किसी डर के एक दूसरे से मेलजोल था शादियों की रौनक़ थी मौज मस्ती का आलम था बेख़ौफ़ आना जाना था सब कुछ आशिक़ाना था किसकी नज़र लग गयी जमाने को.... ईन्सान ईन्सान से ही डरने लगा अपने ही बेगाने हो गए बेरंग सी महफ़िल हो गई अनदेखा सा अवसाद पसरने लगा उमंगों के पर कट गए... शॉपिंग का लुत्फ चला गया पार्टियाँ सब भूल से गए न मेकअप का ख्याल रहा न कपड़ो की नुमाइश का नज़ारा रहा.. गहने अलमारी मैं जज्ब हो गए फैमिली टूर एक स्वप्न बन गया ईश्वर से अब एक ही प्रार्थना है इस एपिसोड का बस यही अंत कर दो... हमें अपना अतीत फिर लौटा दो। वो परिवारों का मिलना वो दोस्तों की मस्तियाँ उस गुज़रे ज़माने को फिर लौटा दो। अगर कुछ खता हुई हमसे तो माफ कर दो... अपनी ही कृति में फिर रंग भर दो... और ये दिन कभी फिर ना आए कुछ ऐसा कर दो... *हमारी सजा का अब यही अंत कर दो...* 🙏🏻🙏🏻🙏🏻j j ji #सब_कुछ_अच्छा_है... कुछ भी अच्छा नही... कश्मकश है, हताशा है, दहशत है क्या होगा, कब तक यूँ ही चलेगा. एक ठहराव सा आ गया है.. एक दम रुके हुए पानी सा... कितनी हसीन थी दुनिया होली तक... रंगीनी थी, हलचल थी, मेल मिलाप था