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मैं कभी गालिब को लिखता हूं तो कभी मीर लिखता हूं, ज

मैं कभी गालिब को लिखता हूं तो कभी मीर लिखता हूं,
जब हिंदी का ज़िक्र हो तो हर लाइन में कबीर लिखता हूं,

ओर मुझे इश्क हुआ था एक दौर ए गुजिस्ता में,
इसलिए में हर कोरे कागज पे इश्क की तहरीर लिखता हूं।
✍️✍️ अजीम खान ✍️✍️

©AJEEM KHAN #गालिब #मीर #इश्क #

#writer
मैं कभी गालिब को लिखता हूं तो कभी मीर लिखता हूं,
जब हिंदी का ज़िक्र हो तो हर लाइन में कबीर लिखता हूं,

ओर मुझे इश्क हुआ था एक दौर ए गुजिस्ता में,
इसलिए में हर कोरे कागज पे इश्क की तहरीर लिखता हूं।
✍️✍️ अजीम खान ✍️✍️

©AJEEM KHAN #गालिब #मीर #इश्क #

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ajeemkhan4902

AJEEM KHAN

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