देश मेरा रोज़ रोज़ जलता हो सड़को पे। प्यार वाली बात कैसे कविता में लिख दुँ। संस्कार जी रहा हूँ माँ ने जो सिखाया मुझे। फिर कैसे दोगली मैं यँहा लिख दुँ। बेंडिया स्वीकार मुझे दंड भी स्वीकार सभी। चाटुकारिता से भरे गीत कैसे लिख दुँ। शारदे ने दिया है जो कलम में मान मुझे। राजनीतियों के यँहा गान कैसे लिख दुँ #NojotoQuote छंद