सीने में दफन जाने कितने अजाब रखता हैं हां वो मेरी हर नब्ज़ का हिसाब रखता है.. आंखों के रास्ते दिल में उतर जाने का वो ये हुनर लाज़वाब रखता है.. हो जाए नशा किसी को भी उसकी बातों का लफ़्ज़ों में अपने ऐसी शराब रखता है.. ये लड़का कृष्ण की नगरी का शायद कोई जादू की किताब रखता है..!! जो खोल दे एक शाम तू अपने दिल की किताब, तेरे हर अजाब को मैं अपना बना लूं..!! सहीफ़े :- revelatory books आब-ए-शीरीं :- मीठा पानी, शिताब :- तीव्र/तेज अज़ाब :- दुख/दर्द,