सुख बंजर भूमि पर पानी की बूंद पड़ी हो जैसे और दुःख लहलाहती फसल पर पाला पड़ा हो जैसे क्षण भर का दुःख है क्षण भर का सुख है लेकिन अंगद के पांव की जैसी है यादें …अचल ©Beena Kumari प्रेरणादायी कविता हिंदी