रिशु तुम मुझे कुछ पागल, दिमाग से पैदल लगते हो, भला अपनी कोई कमियाँ भी, दिल खोलकर सुनाता है, कलम पकड़ ली, कागज़ ले लिया, अच्छा है लिखो, भला अपने सच को इतनी बेरहमी से कोई जताता है, तुम इंसां ही हो ना, शक पड़ जाता है मुझे अक्सर, कौन पहले से बदसूरत हो, ऊपर से चेहरे से हिजाब हटाता है क्या तुम्हें खौफ़ नहीं, डर नही लगता सब देख पढ़ सुन रहे तुझे, अरे दुनिया झूठ की नींद में है, भला ऐसे कोई किसी को जगाता है, #yqbhaijan #yqdidi #साइको