बुजुर्ग हैं आधार वृक्ष हमारा,हम उनके अंघ्रीराम, ज़िंदगी बहुमूल्य है, ना बनाओ इसे अन्नाम, गुमनाम ज़िंदगी कृत्य को संकलित कर ,अर्जन करो नेकनाम, स्वार्थ, मोह ना त्याग कर, क्यों जी रहे हो ज़िंदगी गुमनाम। #Contest_23 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,