धकधक धकधक आखिर कब तक ये क्या हो रहा और चलेगा कब तक ये धडकन भी डराएगी आखिर कब तक कोई भरोसा नहीं हम जीएंगे कब तक भूत भविष्य वर्तमान नहीं आज तक अभी तक बस अब तक धकधक धकधक आखिर कब तक धोखेबाज़ क्यों न कहूँ तुझे ए धडकन क्या क्या न करने का करता है मन और तू अवरोध लगाती पल पल डायन क्या नही मिला बाजार में खून आक्सीजन दवा धन तब भी न मानी तू धडकन बैरन #धडकन #Sadharanmanushya ©#maxicandragon धकधक धकधक आखिर कब तक ये क्या हो रहा और चलेगा कब तक ये धडकन भी डराएगी आखिर कब तक कोई भरोसा नहीं हम जीएंगे कब तक