#माफीनामा सारे गिले सिक्वे को उसने भुलाया था। हक जता कर हाथ मैने छुड़ाया था। अब किस मोहब्बत की दुहाई दुंगा मै। आखिर मै खुद ही तो उसका दिल दुखाया था। सजा-ए-मोहब्बत खुदा ने मुकर्रर की मेरी। आखिर मैने अपनी जान को जो रूलाया था। ©Ravi Goswami #Youme