"सुनो ना" ना जाने कहाँ छुप कर बैठे हो तुम? चुप-चुप से रहते क्यों कुछ बोलते नहीं तुम? नज़रे चुराकर मेरे से, क्यों भागते-फिरते हो तुम? सताने भी नहीं आते, न जाने किस बात से रूठे हो तुम? साये की तरह हर पल साथ रहते मेरे, फिर भी न जाने क्यों लगता, कहीं दूर चले गए हो तुम.. आज याद आ रहे हो रोज़ से भी ज्यादा मुझे तुम सुनो ना जल्दी से लौट आओ न मेरे पास तुम। -रोली रस्तोगी ©a_girl_inkings_her_emotions "सुनो ना" ना जाने कहाँ छुप कर बैठे हो तुम? चुप-चुप से रहते क्यों कुछ बोलते नहीं तुम? नज़रे चुराकर मेरे से, क्यों भागते-फिरते हो तुम?