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ना रूप,ना काया,ना जन्म, जिसने मृत्यु पर भी वस पाया

ना रूप,ना काया,ना जन्म,
जिसने मृत्यु पर भी वस पाया।
मन और कण कण में
जिसने खुद को बसाया।

ग्रंथों ने वर्णन अद्भुत किया
जब पढ़ रही थी मैं
मेरे योगी की माया।
फिर मन ने एक रूप रचाया
और बन गई एक अनोखी
छवि,
मेरे सौम्य,रूद्र,सुंदर,कुरूप,साधु,अघोरी,
अर्धनारीश्वर,चंदशेखर,गंगाधर ,त्रिनेत्रा,
योगनिद्रा,जटाधर,सर्वव्यापी,सर्वेश्वर
 की,
इन सभी का जो मेरा मन होगया
वो और ना कोई,वो है मेरा

आदि अनंत शिवा,
छन छन वासी शिवा,
योगी कभी भोगी शिवा,
ब्रह्मांड स्वयं शिवा,
कण कण वसे हैं शिव,
जीवन और मृत्यु शिवा,
चंचल भोलेनाथ शिवा,
महादेव देव शिवा।

शिवा,,,शिवा,,शिवा,,,,,


✍बस आपकी 😌❤रिमझिम #Shiva #rimjhimkashyap
ना रूप,ना काया,ना जन्म,
जिसने मृत्यु पर भी वस पाया।
मन और कण कण में
जिसने खुद को बसाया।

ग्रंथों ने वर्णन अद्भुत किया
जब पढ़ रही थी मैं
मेरे योगी की माया।
फिर मन ने एक रूप रचाया
और बन गई एक अनोखी
छवि,
मेरे सौम्य,रूद्र,सुंदर,कुरूप,साधु,अघोरी,
अर्धनारीश्वर,चंदशेखर,गंगाधर ,त्रिनेत्रा,
योगनिद्रा,जटाधर,सर्वव्यापी,सर्वेश्वर
 की,
इन सभी का जो मेरा मन होगया
वो और ना कोई,वो है मेरा

आदि अनंत शिवा,
छन छन वासी शिवा,
योगी कभी भोगी शिवा,
ब्रह्मांड स्वयं शिवा,
कण कण वसे हैं शिव,
जीवन और मृत्यु शिवा,
चंचल भोलेनाथ शिवा,
महादेव देव शिवा।

शिवा,,,शिवा,,शिवा,,,,,


✍बस आपकी 😌❤रिमझिम #Shiva #rimjhimkashyap