मुझको भी गिराया गया था मेरा भी तमाशा बनाया गया था.. मैं उठता रहा हर बार गिरकर उठना मुझे सिखाया गया था.. प्यास मेरी बुझाने से पहले दरिया में मुझे डुबाया गया था.. वो मिले कभी तो उससे कहना वादा उसका निभाया गया था.. ना था कोई साथ सफ़र में मेरे मेरे साथ मेरा साया गया था.. वो याद आया फिर बहुत मुझको मुश्किलों से जिसे भुलाया गया था.. है ताज्जुब के कैसे हूँ ज़िन्दा मुझे भी ज़हर पिलाया गया था.. मुझको भी गिराया गया था... बाग़ी... ©Manish Bhardwaj #basaviiiin22oye #alone