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राधा तो नही मैं की तुम्हे बिन पाए भी पूर्ण हूं। मी

राधा तो नही मैं की तुम्हे बिन पाए भी पूर्ण हूं।
मीरा तो नही मैं की तुम्हे बिन पाए पूर्ण मैं।
राधा मीरा सा प्रेम अब मिलता है कहां।
कृष्ण छलिया अब होता है कहां।
जो छल कर भी आपको छला महसूस होने ना दे।
जो अपूर्ण छोड़कर भी आपको पूर्णता दे। #छलिया
राधा तो नही मैं की तुम्हे बिन पाए भी पूर्ण हूं।
मीरा तो नही मैं की तुम्हे बिन पाए पूर्ण मैं।
राधा मीरा सा प्रेम अब मिलता है कहां।
कृष्ण छलिया अब होता है कहां।
जो छल कर भी आपको छला महसूस होने ना दे।
जो अपूर्ण छोड़कर भी आपको पूर्णता दे। #छलिया