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मौत मिली मुझसे और वापस जाते हुए बोली, बस कर यार म

मौत मिली मुझसे और वापस जाते हुए बोली,
 बस कर यार मुझे तुझसे अब नहीं मिलना।

मैं क्या ही साथ निभाऊं तेरे अपनों को ही पसंद नहीं तेरा खिलना, chauhanpoetryhub
उढा दिया गया कफन तुझे बस बाकी है तेरा अग्नि में जलना।

तेरे ख्वाबों की कब्र सजी देखी मैनें बस बाकी है तेरा सजना,
बस चार कंधों पर सजी पालकी पीछे राम नाम का जप चलना।

तेरे जिक्र से महकती चारों दिशाएं अश्रु की हवा चलना,
हां बस बाकी है चौहान अब तेरा मिट्टी में मिलना।

©chauhanpoetryhub
  #death#dil#live  Vinay Rajput