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मेरे देश की धरती ऐसी ,जैसे हरियाली की खान है, सोन

 मेरे देश की धरती ऐसी ,जैसे हरियाली की खान है,
सोने की सुँदर क्यारी  ही तो,  प्रकृति   की  जान है,

सजा हुआ है अंबर ऐसे , सतरंगी मस्त घटाओं से,
मन्दिर की घण्टी की गूँज ,आती है दूर हवाओ से,

देख छटा  क़ुदरत  की , देखो पँछी कैसे मगन हुए,
पड़ी जो कानो में गुरबाणी,हर हिय मस्त मलंग हुए,

रस्मो और रिवाजों से , भरपूर  ये धरतीं सजती है,
झूम उठती है धरा,जब अज़ान की बोली जगती हैं,

इंद्रधनुषी     रँगों   में  भीगा ,  ये  मेरा  हिंदुस्तान है,
इसीलिए तो इस दुनिया मे, मेरा भारत देश महान है।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #मेराभारतमहान