धरती बोलती तो है ! भूकंप से सुनामी से सूखे अकाल से बढ़ते तापमान से बढ़ती जा रही जनसंख्या के दबाव से कांपती, खनिजों के लिए अपनी कोख उजाड़ते देखती स्तब्ध और मौन संवाद हर समय करती है @मन्यु #धरती बोलती है