स्वप्न लेकर अंगड़ाई उठ बैठा, जो स्वप्न में आई तू, आसमां में विचरते, गुलाबी सुर्ख गाल किए. अपने अधरों पे मादक, सम्मोहक मुस्कान लिए. बेसुध था मैं दीवाना, जो तेरे हुस्न का जाम पीया. आँखें खुल गईं मेरी तभी, जो माँ ने नींद से जगा दिया। #dreams #fantasy